Makar sankranti भारत का एक प्रमुख पर्व है य़ह हिन्दी माह के अनुसार पौष माह मे मनायी जाती हैं | य़ह त्योहार भारत में ही नहीं अपितु नेपाल मे भी बड़े उत्साह पूर्वक मनाया जाता है | इस पर्व को अलग अलग स्थानो पर अलग अलग नाम से जाना जाता है, गुजरात और उत्तराखण्ड मे इसे उत्तरायण के नाम से जाना जाता है, पश्चिम बंगाल मे इसे पौष संक्रांति के नाम से, तमिलनाडु मे ताइ पोंगल के नाम से, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बिहार में इसे खिचड़ी के नाम से जाना जाता है |
क्यों मनाई जाती है makar sankranti :
पूरे देश मे मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाती है | मकर संक्रांति मे मकर का अर्थ है मकर राशि और संक्रांति का अर्थ है संक्रमण अर्थात् इस दिन सूर्य दूसरी राशि मकर मे प्रवेश करता है | सूर्य का मकर रेखा से उतरी कर्क रेखा की ओर जाना उत्तरायण कहलाता है और सूर्य का कर्क रेखा से दक्षिण की ओर मकर रेखा की ओर जाना दक्षिणायन कहलाता है, उत्तरायण मे दिन बड़े होते हैं और राते छोटी होती है जबकि दक्षिणायन मे इसका उल्टा होता है | ऐसा माना जाता है कि उत्तरायण देवताओ का दिन और दक्षिणायन देवताओं की रात होती है |

शुभ मुहूर्त :
Makar Sankranti 14 जनवरी को मनाई जाएगी | इस दिन सूर्य सुबह 9 बजकर 3 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे |
पुण्य काल मुहूर्त सुबह 9 बजकर 3 मिनट से लेकर शाम 5 बजकर 46 मिनट तक रहेगा और महा पुण्य काल सुबह 9 बजकर 3 मिनट से लेकर 10 बजकर 48 मिनट तक रहेगा
पूजा विधि :
- इस दिन सुबह सूर्य उदय होने से पहले उठना चाहिए (सबसे उत्तम 4 बजे) |
- फिर इसके बाद घर की सफाई करनी चाहिए |
- फिर यदि आसपास पवित्र नदी है तो उसमे स्नान करे यदि नदी नहीं है तो घर पर ही पानी मे गंगाजल मिलाकर के स्नान करे |
- यदि व्रत रखना है तो रख सकते हो |
- फिर इसके बाद पीले वस्त्र पहनकर सूर्य भगवान को अर्घ्य दे |
- फिर इसके बाद गरीबों को दान जितना हो सके अवश्य करे |
इन चीजों का करे दान :
मकर संक्रांति का महत्व :
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